आइये जानते है श्वेत अपराजिता पौधा क्या है और इसके क्या लाभ है?
आइये जानते है श्वेत अपराजिता पौधा क्या है और इसके क्या लाभ है?
श्वेत अपराजिता
श्वेत अपराजिता का पौधा दरिद्रा को नाश करता है। इस पौधो को विष्णुकांता, विष्णुप्रिया, गिरीकर्णी, अश्र्वखरा, कोयल, गोकर्णी, काजली, काली, पग्ली सुली, चोली गरणी, काली गरणी, नीलंगटुगा ब्रिटेन और मेजरीन जैसे अनेक नामों से भी जाना जाता है।
इस पौधे में सफेद व नीले रंग के फूल निकलते है। घर में धन सम्पत्ती के भंडार भरता है। यह पौधा काफी दुर्रध प्रजाति का पौधा है। यह आसानी से नही मिलता है। यह पौधा देखने मे काफी आकर्षित लगता है।
सावन के महीने में इसमे बहूत फुल आते है। माना जाता है कि इसमें महालक्ष्मी जी का वास होता है। इसकी नियमित पुजा अर्चना करने से मां लक्ष्मी जी प्रसन्न रहती है।
कभी भी सुखा श्वेत अपराजिता घर में नही रखना चाहिये। सुखा श्वेत अपराजिता पौधा दरिद्रा का प्रतीक माना जाता है।
श्वेत अपराजिता के लाभ क्या–क्या है?
- यह पौधा धन को आकर्षित करता है। जिन लोगो को धन संबंधित समस्यायें ( जैसे धन के स्त्रोतो की कमी, धन का घर में न रुकना, धन होने के बवजुद उस का लाभ न उठा पाना) है, उन लोगों को यह पौधा अवश्य ही घर में स्थापित करना चाहिये। और रोज इसकी पुजा अर्चना करनी चाहिये।
- यह पौधा आंखो के लिए और स्मरण शक्ति को बढने के लिये भी उपयोगी है।
- यह सफेद दाग जैसी बीमारियो का भी इलाज करता है।
- जिन व्यक्ति को मुत्रदोष संबंधित परेशानी होती है उनके लिये भी यह पौधा असारकारी साबित होता है।
- यह आवयुकत दस्त, सुजन व जहर पर भी असारकारी साबित हुआ है।