क्रिकेट मैच देखने का ज्यादा मजा स्टेडियम में आता है या घर में टीवी पर?
भारत में क्रिकेट को लेकर जबरदस्त दीवानगी है। बच्चे, नौजवान, बूढ़े आजकल सभी क्रिकेट को पसंद करते हैं। और इसी वजह से भारतीय क्रिकेट बोर्ड दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड भी है। आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे की क्रिकेट मैच देखने का सबसे ज्यादा आनंद स्टेडियम में जाकर देखने में आता है या घर पर बैठकर टीवी में देखने से ज्यादा आनंद आता है।
सबसे पहले मैं अपनी राय बता देता हूँ मुझे तो मैच टीवी पर ही देखने में मजा आता है। इसके पीछे कई सारे कारण हैं। और वैसे भी यदि आपने स्टेडियम में जाकर मैच नहीं देखा तो एक बार तो बनता है की आप स्टेडियम में जायें और लाइव मैच का सामने बैठकर आनंद उठायें। इस आर्टिकल में मैं सिर्फ अपना नजरिया बताऊंगा जो मैंने स्टेडियम में मैच देखकर महसूस किया बाकी आप सबकी अपनी राय है, मेरा विचार पढ़कर किसी भी प्रकार का निर्णय लेने की आवश्यकता नहीं है।
स्टेडियम में जाकर मैच देखना
यदि आप स्टेडियम में जाकर मैच देखते हैं और पहली बार देखने जायेंगे तो आपके लिए एक रोमांच का अनुभव होगा, यदि भारत खेल रहा है तो आप देशभक्ति की भावना से भी भर जायेंगे और अपने खिलाड़ियों को नजदीक से देखने का जबरदस्त रोमांच होगा। आपका मन एकदम ख़ुशी से भर जायेगा आपका रोम रोम सिहर जायेगा जब वहां पर भारतीय राष्ट्रगान बजेगा क्योंकि कम से कम 30 या 40 हजार लोग आपके साथ भारतीय राष्ट्रगान गायेंगे।
यह रोमांच दुगुना और तिगुना तब हो जायेगा जब यही दर्शक 50 या 80 हजार होंगे। स्टेडियम में पूरा शोर होगा, विकेट लेने पर और चौके छक्के लगने पर आपको अद्भुत अनुभव होगा, आप चिल्लाने से खुद को रोक नहीं पाएंगे। आप खिलाड़ियों को सामने से देख पाएंगे, उनके ड्रेस, ड्रेसिंग रूम, बैट बाल इत्यादि को देख पाएंगे।
लेकिन आपको मैच की कमेंट्री मैदान में नहीं सुनने को मिलेगी। रीप्ले आपको नहीं दिखेगा, और यदि आप किसी काम की वजह से थोड़ी देर के लिए बाहर गए जैसे की कुछ खाने पीने की चीज़े लेने तो उस वक्त मैच में क्या हुआ यह आपको नहीं दिखेगा। इसकी जानकारी आप वहां मौजूद दर्शकों में से किसी से पूछ सकते हैं।
यदि स्टेडियम फर्स्ट फ्लोर, सेकेण्ड फ्लोर या थर्ड फ्लोर में बना होगा जैसे की दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में है तो आपको सब कुछ साफ़ साफ़ तभी दिखेगा जब आप ग्राउंड फ्लोर या फर्स्ट फ्लोर पर होंगे। यही आप सेकेण्ड या थर्ड फ्लोर पर होंगे तो आपको सब कुछ साफ़ साफ़ नहीं दिखाई देगा जैसे की खिलाड़ियों का चेहरा इत्यादि।
इसलिए हमारी सलाह यह है की जब भी टिकट करें तो कोशिश करें की ग्राउंड फ्लोर या फर्स्ट फ्लोर पर ही बैठें। ग्राउंड फ्लोर से आप खिलाड़ियों का ड्रेसिंग रूम भी देख पाएंगे और खिलाड़ी जो सीमा रेखा के किनारे बैठें रहते है उनको भी देख पाएंगे। खिलाड़ी जिस गलियारे से मैदान में आता है वह जगह सबसे अच्छी जगह मानी जाती है मैच देखने के लिए क्योंकि वहां से आप खिलाड़ी का ऑटोग्राफ भी ले सकते हैं।
ज्यादार खिलाड़ी मैच के पहले या मैच के बाद ही ऑटोग्राफ देते हैं इसलिए यदि आपको ऑटोग्राफ लेना है तो आप या तो मैच शुरू होने से पहले पहुंच जायें और मैच समाप्त होने के बाद तक वहां रुके रहें। कुछ खिलाड़ी जो प्लेइंग 11 में नहीं खेल रहें होते आप उनसे कभी भी ऑटोग्राफ मांग सकते हैं।
स्टेडियम के बाहर आपको खाने पीने का सारा सामान मिल जायेगा लेकिन सामान्य कीमत से ज्यादा की कीमत में और आप स्टेडियम में पहले से कुछ भी खाने पीने का सामान नहीं ले जा सकते। स्टेडियम के बाहर और अंदर आपको खेलने वाली टीम की जर्सी मिल जाएगी वो भी बड़े सस्ते रेट में। आईपीएल मैच के दौरान तो टीम जर्सी फ्री में बांटी जाती है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग जर्सी को पहने और स्टेडियम में लगे की ये दर्शक इस टीम का समर्थक है और ये दर्शक इस टीम का। इसीलिए आपने आईपीएल के दौरान स्टेडियम में देखा होगा की लगभग सभी दर्शकों ने अपनी अपनी टीम की जर्सी पहनी हुई होती है। सब लोग खरीदते नहीं है ज्यादातर फ्री में मिल जाती है।
स्टेडियम में मैच देखने के लिए जाते समय तो मौज ही मौज है लेकिन जब आप मैच समाप्त होने के बाद वापस आओगे अपने घर पर तो भाई एकदम थकान हो जाती है। स्टेडियम से निकलने में ही आपको आधे घंटे का समय लग जाता है और एंट्री के समय तो और भी समय लगता है क्योंकि वहां पर सिक्योरिटी चेक होता है और इसकेलिए लोग लाइन बना कर खड़े होते हैं।
क्रिकेट मैचों के लिए स्टेडियम की टिकट महंगी भी बहुत होती है और रिफंड भी नहीं होती, आपके लिए एक सीट बुक हो जायेगी लेकिन यदि सीट टूटी हुई मिलती है तो सुनवाई की कोई गारंटी नहीं है की कोई आपको एक अच्छी सीट दे देगा। हाँ बीच बीच में आपको पॉपकॉर्न पेप्सी कोल्डड्रिक, आइसक्रीम ये सब बेचने वाले लोग दिखाई देते रहेंगे।
तो स्टेडियम में अगर आपने मैच अभी तक नहीं देखा तो जरूर देखिये इसके बाद आप सभी को खुद पता चल जायेगा की घर पर मैच देखने में मजा है या स्टेडियम में।
स्टेडियम में जाकर मैच देखने का जो मुझे सबसे बड़ा नुकसान लगता है वो ये है की मान लेते है की हम किसी खिलाड़ी के जबरदस्त फैन हैं और उसकी वजह से भी हम स्टेडियम में मैच देखने जा रहें हैं और उस खिलाड़ी ने उस दिन अच्छा परफॉर्म नहीं किया या बुरा परफॉर्म किया तो आपका सारा मूड ख़राब हो जायेगा। और तो और यदि वह खिलाड़ी उस मैच में नहीं खेला तो तो भाई आपका पैसा और समय दोनों बर्बाद। यदि आप टीवी पर मैच देखे रहें हैं तो इस मामले में आपको उतना दुःख नहीं होगा जितना की स्टेडियम में जाकर होगा।
घर पर बैठकर टीवी में मैच देखना
जो आनंद घर पर बैठकर टीवी में मैच देखने में है वह मैदान में नहीं मिलेगा, सबसे पहले तो कहीं जाना नहीं कोई लाइन नहीं लगनी, सीट की झंझट नहीं, खाने पीने का सारा सामन फ्री में मिलता है। चाय कॉफी, चिप्स पॉपकॉर्न अनलिमिटेड खाओ किसी बात की टेंशन नही। स्टेडियम में बाथरूम आपको ज्यादातर साफ़ नहीं मिलता लेकिन यहाँ तो आप घर का बाथरूम प्रयोग करेंगे।
ऊपर से चाहे बैठकर देखो या लेटकर कोई कुछ नहीं कहेगा। लेकिन हाँ यदि आप दो चार मिनट के लिए बाहर चले भी जाते हैं तो आपको रीप्ले से पता चल जायेगा की उस समय क्या हुआ था विकेट गिरी थी या चौके छक्के लगे थे। आप टीवी पर कमेंट्री भी सुन पाएंगे और खेल के बारे में और अच्छे से जान पाएंगे की फला खिलाड़ी आउट हुआ तो कैसे आउट हुआ।
मैच समाप्त होने के बाद आप तुरंत सो या आराम भी कर सकते हैं यदि दिन रात का मैच हो तो। टीवी पर आप प्री मैच शो और पोस्ट मैच शो भी देख पाते हैं जबकि मैदान में जाकर देखने पर यह आपको देखने को नहीं मिलता।
तो हमारे अनुसार यदि आपने स्टेडियम में मैच नहीं देखा तो एक बार जरूर जाइये इसके बाद तो टीवी पर ही मैच देखिये और मजे से अपने घर पर रहिये अपने परिवार के साथ बच्चो के साथ मैच का आनंद लीजिये।