Banda Plant
बांदा क्या होता है ?
बडे वृक्षों ( जैसे – आम, इमली, हरसिंगार, महुआ, पीपल, जामुन ) पर उगने वाली परोपजीवी वनस्पति को बांदा कहते है। इसमें लाल गुच्छेदार फुल लगते है। इसके पत्ते पीपल के पत्ते के समान मोटे व कडे होते है।
और इनमें विशेष प्रकार के फल लगते है। हर पेड पर लगने वाले बांदा भी अलग अलग तरह के फल देते है। इन फलो का तांत्रिक महत्व बहुत अधिक होता है।
इसकी पुजा करने से आर्थिक परेशानियां कम हो जाती है व घर में धन का आगमन होता है। अगर आपको बिजनेस या जॉब से अधिक धन लाभ नही हो रहा है तो इस पुजा अर्चना करना शुरु कर दे।
इसकी पुजा अर्चना करने के लिये भरणी नक्षत्र सबसे अधिक शुभ माना गया है। इस नक्षत्र में की गई पुजा से विशेष लाभ मिलता है। वैसे हर बांदा के लिये एक अलग अलग नक्षत्र शुभ होता है
बांदा : बांदा, वांदा अथवा बंदाल का महत्व
- बांदा का उपयोग तांत्रिक पुजा करने के लिये किया जाता है।
- इसकी पुजा अर्चना करने से घन संबंधित परेशानी का सामना नही करना पडता है। साथ ही साथ घन की कमी की परेशानी का सामना नही करना पडेगा।
- इसके उपयोग से कंपन के रोगी को राहत मिलती है।
- मान सम्मान में वृध्दि होती है।
- डराबने सपनों से छुटकारा मिल जाता है।
- जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
- पुरुषत्व शक्ति की वृध्दि करता है।
- नये कार्यो में रुकावट नही आती है।
- भूत – प्रेत, नकारात्मक ऊर्जा व शक्ति और बुरी नजरों से आपके घर व घर के सदस्यों की रक्षा करती है।
- मानसिक परेशानियों जैसे मानसिक तनाव, चिंता, दिमागी परेशानी आदि से भी आपको कोसों दुर रखेगा।