छोटे बच्चों के लिए 5 अच्छी और छोटी कहानियां
कहानी 1: सच्चे दोस्त
एक छोटे से गाँव में मोहन और सोहन नाम के दो लड़के रहते थे। वे बहुत अच्छे दोस्त थे और हमेशा साथ खेलते थे। एक दिन, गाँव के बाहर जंगल में घूमते हुए उन्हें एक बाघ दिखा।
मोहन डर कर जल्दी से पेड़ पर चढ़ गया। सोहन पेड़ पर नहीं चढ़ सकता था, तो वह ज़मीन पर लेट गया और मरने का नाटक करने लगा। बाघ ने सोहन को सूंघा और उसे मरा हुआ समझ कर चला गया।
जब बाघ चला गया, तो मोहन पेड़ से उतर कर सोहन के पास आया और पूछा, “बाघ ने तुम्हारे कान में क्या कहा?” सोहन ने जवाब दिया, “बाघ ने कहा कि सच्चे दोस्त कभी मुश्किल समय में साथ नहीं छोड़ते।”
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्चा दोस्त वही है जो मुश्किल समय में हमारे साथ खड़ा रहे।
कहानी 2: लालची कुत्ता
एक दिन, एक कुत्ता एक हड्डी चबाते हुए नदी के किनारे पहुँचा। उसे नदी के पार एक और कुत्ता दिखा जिसके मुँह में भी एक हड्डी थी। लालची कुत्ता सोचने लगा, “अगर मैं उसकी हड्डी भी ले लूँ तो मेरे पास दो हड्डियाँ हो जाएँगी।”
यह सोचकर कुत्ता नदी में कूद गया और उस दूसरी हड्डी वाले कुत्ते की ओर तैरने लगा। लेकिन जब उसने पास जाकर देखा, तो उसे पता चला कि वह उसकी खुद की परछाई थी। हड्डी पानी में गिर गई और बह गई।
कुत्ता खाली हाथ रह गया और उसे अपनी गलती का अहसास हुआ। उसने सोचा, “क्योंकि मैं लालची था, मैंने अपनी हड्डी भी खो दी।”
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि लालच बुरी बला है और हमें हमेशा संतोषी रहना चाहिए।
कहानी 3: तीन छोटे सूअर
एक बार की बात है, तीन छोटे सूअर अपने-अपने घर बनाने की योजना बनाने लगे। पहले सूअर ने तिनके का घर बनाया, दूसरे ने लकड़ी का, और तीसरे ने ईंटों का घर बनाया।
एक दिन, एक भूखा भेड़िया आया। उसने पहले सूअर के तिनके के घर को आसानी से उड़ा दिया। फिर वह दूसरे सूअर के लकड़ी के घर के पास गया और उसे भी गिरा दिया। दोनों सूअर भागकर तीसरे सूअर के ईंटों के घर में छिप गए।
भेड़िया ईंटों के घर को उड़ा नहीं सका। उसने चिमनी से अंदर आने की कोशिश की, लेकिन तीसरे सूअर ने चिमनी में आग जला दी। भेड़िया जलने के डर से भाग गया और तीनों सूअर खुशी-खुशी रहने लगे।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि मेहनत और धैर्य से बनाया गया काम हमेशा सुरक्षित और मजबूत होता है।
कहानी 4: शेर और चूहा
एक बार की बात है, एक जंगल में एक बड़ा शेर सो रहा था। अचानक, एक छोटा चूहा आया और शेर के ऊपर दौड़ने लगा। शेर जाग गया और उसने गुस्से में चूहे को पकड़ लिया। चूहा डर गया और बोला, “मुझे माफ कर दो, मैं तुम्हारे किसी काम आऊँगा।”
शेर हँसा और बोला, “तुम जैसे छोटे चूहे से मुझे क्या फायदा होगा?” लेकिन उसने फिर भी चूहे को छोड़ दिया।
कुछ दिनों बाद, शेर शिकारियों के जाल में फँस गया। वह दहाड़ते हुए मदद के लिए पुकारने लगा। चूहे ने शेर की आवाज सुनी और दौड़ता हुआ आया। उसने अपने नुकीले दाँतों से जाल को काट दिया और शेर को आजाद कर दिया।
शेर ने चूहे का धन्यवाद किया और समझ गया कि कोई भी छोटा या बेकार नहीं होता। सभी के पास कुछ न कुछ ताकत होती है।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कभी किसी को छोटा या कमजोर नहीं समझना चाहिए, क्योंकि हर किसी में कुछ खास होता है।
कहानी 4: साहसी नन्हा तोता
एक घने जंगल में एक नन्हा तोता रहता था जिसका नाम मीतू था। मीतू अपने दोस्तों के साथ रोज़ उड़ान भरता और खेलता था। लेकिन मीतू को उड़ान भरने से डर लगता था क्योंकि उसे लगता था कि वह उँचाई से गिर जाएगा। उसके दोस्त उसे हिम्मत दिलाने की कोशिश करते, लेकिन मीतू का डर कम नहीं होता था।
एक दिन, जंगल में एक बड़ा तूफान आया। सभी पक्षी अपने-अपने घोंसलों में छिप गए। मीतू का घोंसला भी एक ऊँचे पेड़ पर था। तूफान के कारण मीतू का घोंसला हिलने लगा और वह गिरने लगा। मीतू ने देखा कि नीचे एक गहरा खाई है। उसे बहुत डर लगा, लेकिन उसने सोचा, “अगर मैं अभी उड़ान नहीं भरूँगा, तो मैं गिर जाऊँगा।”
मीतू ने अपनी सारी हिम्मत जुटाई और अपने पंख फैलाए। उसने उड़ान भरी और धीरे-धीरे अपने घोंसले से दूर हट गया। मीतू ने महसूस किया कि वह उड़ सकता है! उसने खुशी-खुशी अपने दोस्तों को बताया कि उसने अपनी सबसे बड़ी डर को जीत लिया।
इसके बाद, मीतू जंगल में सबसे साहसी तोता बन गया। उसने अपनी उड़ान के डर को मात दी और अपने दोस्तों के साथ मिलकर हर रोज़ नई-नई जगहों की सैर करने लगा।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अगर हम अपने डर का सामना करें और हिम्मत से काम लें, तो हम किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं।